राजेन्द्र-प्रसाद 1884-1963
- राजेन्द्र-प्रसाद ने गांधी जी के साथ चंपारण (1917) में राष्ट्रीय आंदोलन में हिस्सा लिया तथा जीवनपर्यन्त एक गांधवादी रहे।
- उन्होंने पटना में राष्ट्रीय कालेज की स्थापना की तथा 1946 की अंतरिम सरकार में शामिल हुए।
- वह संविधान सभा के सभापति मनोनीत् हुए।
- गणतंत्र बनने पर वह भारत के पहले राष्ट्रपति बने तथा अकेले ऐसे राष्ट्रपति रहे जो लगातार दो बार निर्विरोध चुने गए।
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी 1879-1972
- उनका जन्म सेलम (तमिलनाडु) में हुआ उन्होंने 1919 में गांधी जी के आह्वान से प्रेरित होकर बैरिस्टर का कार्य छोड़ दिया तथा असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए। उनका उपनाम राजाजी था।
- सन 1930 में उन्होंने प्रसिद्ध नाटक ‘मार्च’ त्रिचिरापल्ली से लेकर वेदारण्यम (तंजौर नट) का आयोजन किया।
- अपने मुख्यमंत्रितत्व के काल में (1937-38, मद्रास) उन्होंने मंदिर प्रवेश एक्ट पारित किया तथा पूर्ण शराबबंदी लागू की।
- उनके प्रसिद्ध सी.आई. फार्मूला में भारत के मुसलमानों को स्वायत्तता तथा आजादी के पश्चात् भारतीय संघ से अलग होने का अधिकार भी प्रदान किया गया था, परंतु यह फार्मूला मुस्लिम लीग ने अस्वीकार कर दिया था।
- वह स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर-जनरल बने (1948-50)।
- स्वतंत्रता के पश्चात् वह भारत के गृहमंत्री भी बने तथा बाद में उन्होंने स्वतंत्र पार्टी का भी गठन किया। उनके समाजवादी विचारों का संकलन उनकी पुस्तक सत्यमेव जयते में मिलता है।
मुख़्तार अहमद अंसारी
- यह पेशे से एक चिकित्सक थे और 1912-1913 में वह तुकों में चिकित्सा मिशन पर गए थे।
- उन्होंने दिल्ली की राजनीति में बहुत अधिक भागीदारी की तथा होम रूल लीग, रोलेट सत्याग्रह, खिलाफत तथा असहयोग आंदोलन में दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया।
- सन् 1928 में हुई सर्व पार्टी अखिल भारतीय सभा का सभापतित्व किया।
- वह एक महान शिक्षाशस्त्री भी थे तथा अलीगढ़ में जामिया मिलिया की स्थापना में बहुत सहयोग दिया।
बदरुद्दीन तैयबजी 1844-1906
- उनका जन्म एक अभिजात्य या संभ्रात परिवार में हुआ वह बंबई में प्रथम भारतीय बैरिस्टर बने।
- बदरुद्दीन तैयबजी को 1895 तथा 1902 में बंबई बेंच में नियुक्त किया गया तथा वे दूसरे भारतीय प्रधान न्यायधीश बने।
- संयोगवंश जब तिलक पर केसरी में प्रकाशित लेख पर मुकदमा चला, तब वे ही उस मुकदमे के न्यायाधीश थे- बदरुद्दीन तैयबजी ने उन्हें जमानत दे दी थी।
- वह बंबई प्रेसीडेंसी एसोसिशन तथा कांग्रेस के संस्थापको में से थे।
- उन्होंने 1887 के मद्रास अधिवेशन की अध्यक्षता भी की।
- वह मुस्लिम समाज-सुधार आंदोलन से भी संबंधित थे तथा अंजुमनए-इस्लाम नामक मुस्लिम सुधारवादी संस्था के अध्यक्ष भी रहे। यह संस्था मुसलमानों के लिए आधुनिक शिक्षा, तथा उनमें व्याप्त लिंगभेद को समाप्त करने के लिए प्रयासरत थी।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी 1901-1953
- श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जनसंघ के संस्थापक तथा दक्षिण पंथी राजनीतिज्ञ थे।
- वह हिंदू महासभा के भी सदस्य रहे। वह कलकत्ता विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर बने।
- 1937 में राजनीति में आकर वे बंगाल लेजिस्लेटिव असेम्बली में निर्वाचित हुए।
- नेहरू के केबिनेट में वह मंत्री भी रहे। परन्तु उन्होंने त्यागपत्र दे दिया।
- उनके विचारों को मुस्लिम तथा ईसाई विरोधी माना जाता था।
आचार्य नरेंद्र देव 1889-1956
- ये महान समाजवादी नेता, राष्ट्रवादी तथा शिक्षाविद थे तथा उनका पेशा वकालत था।
- असहयोग आंदोलन के दौरान वह सबसे पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने सी.आर.दास की तरह वकालत छोड़ राष्ट्रीय आंदोलन में सम्मिलित होने का निर्णय लिया था।
- वह कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक थे, जिसकी शुरुआत 1934 में हुई थी तथा इसका मुख्य उद्देश्य समाजवादी का निर्माण करना था।
- वह काशी विद्यापीठ के प्राचार्य तथा लखनऊ व बनारस विश्वविद्यालय के उप-कुलपति भी रहे।
बल्लभ भाई पटेल 1875-1950
- बल्लभ भाई पटेल भारत के लौह पुरुष तथा सरदार के नाम से विख्यात थे।
- उन्होंने स्वतंत्रता पश्चात् भारतीय रजवाड़ों का भारत में विलय करने का अति कठिन परंतु विलक्षण कार्य किया।
- उन्होंने खेड़ा सत्याग्रह से अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की तथा गांधी जी के नेतृत्व में उन्होंने उन किसानों का लगान माफ करने को संघर्ष किया, जिनका उत्पादन 25 प्रतिशत से कम था।
- 1927 में बारदोली के किसानों के लिए आंदोलन किया, जिसमें उन्होंने लगान की दर बढ़ाने का विरोध किया।
- अहमदाबाद नगर निगम को उन्होंने एक साधारण संस्था से लोगों के प्रतिनिधित्व वाली संस्था बना दिया।
- सन् 1913 में वह कांग्रेस अध्यक्ष बने तथा संविधान सभा के सदस्य भी रहे।
- स्वतंत्रता पश्चात् वे देश के पहले उपप्रधानमंत्री भी बने।
खुदीराम बोस (1889-1908)
- खुदीराम बोस का जन्म मिद्नापुर (बंगाल) में हुआ।
- बंग-भंग के विरोध में उन्होंने स्वदेशी आंदोलन में भाग लिया। वह क्रांतिकारी विचारधारा से प्रेरित थे।
- उन्होंने हरगाचा में सरकारी विभाग की डाकघर की डकैती में हिस्सा लिया था।
- उन्होंने बंगाल के गवर्नर की रेलगाड़ी पर बम से हमला किया नारायणगढ़ स्टेशन, (1907) उनका सबसे जोखिमपूर्ण कार्य था।
- बंगाल के मुजफ्फरपुर क्षेत्र के बदनाम जार्ज किग्सफोर्ड की गाड़ी में सवार दो महिलाओं की मृत्यु हुई (1909)।
- प्रफुल्ल चाकी भी उनके साथ इस वारदात में शामिल थे।
- उन्हें गिरफ्तार किया गया और मुकदमे के पश्चात् 19 वर्षीय इस महान शहीद को मृत्युदंड मिला।
- उनकी याद में बाद में बहुत सारे देशभक्ति से पूर्ण गीतों का संग्रह लिखा गया।
आसफ़ अली 1888-53
- आसफ़ अली पेशे से वकील थे गांधी जी के आहवान पर उन्होंने असहयोग आंदोलन में भाग लिया तथा वकालत छोड़ दी।
- इससे पहले वह होमरूल आंदोलन जैसे- राष्ट्रव्यापी आंदोलन से भी जुड़े रहे थे।
- वह सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली के सदस्य भी रहे (1935-47) तथा बाद में भारत सरकार की एक्ज्यूक्टिव काउंसिल (कार्यकारिणी परिषद) के भी सदस्य रहे (1946-47)।
- वह स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात वाशिंगटन में भारत के पहले राजदूत के रूप में नियुक्त किए गए तथा उसके पश्चात् वह उड़ीसा राज्य के गवर्नर भी रहे।
सैफुद्दीन किचलू 1888-1963
- सैफुद्दीन किचलू गांधीवादी नेता थे तथा 1919 के आंदोलन में उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई।
- सैफुद्दीन किचलू तथा डा. सत्यपाल की गिरफ्तारी ने पंजाब में काफी गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी थी।
- वह काफी प्रसिद्ध वकील रहे।
- दिल्ली तथा मेरठ षड़यंत्रों केसों में उन्होंने राष्ट्रवादियों की मुक्ति के लिए केस लड़े।
- उन्होंने अखिल भारतीय शांति कौंसिल बनाई।
- 1954 में उन्हें स्टालिन शांति सम्मान भी दिया गया।
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