hatillon Car Graveyard In Belgium, History In Hindi : दक्षिण बेल्जियम के लग्ज़मबर्ग प्रांत में एक क़स्बा है ‘चैटिलोन’। इसे कारो के कब्रिस्तान के नाम से जाना जाता है क्योकि यहां के जंगलों में 70 साल पुरानी 500 से अधिक कारे खड़ी है। 70 सालो से एक ही जगह खड़ी सारी कारे खराब हो चुकी है और इन पर पेड़, पौधे और लताएं उग आई है।
सबसे आश्चर्य और रहस्य की बात यह है की यहां इतनी सारी कारे कहां से आई इस बारे में कोई कुछ भी नहीं जानता है। वैसे तो इन कारो के बारे में यहां पर कई कहानिया कही जाती है पर जो कहानी सबसे ज्यादा प्रचलित है वो इन करो का सम्बन्ध अमेरिकी सैनिको से जोड़ती है।
कहते है की सेकंड वर्ल्ड वॉर की समाप्ति के बाद जब अमेरिकी सैनिक वापस घर जाने की तैयारी करने लगे तो तो उन्हें महसूस हुआ की वो अपनी कारे अपने साथ नहीं ले जा सकते। तब उन्हें चैटिलोन के जंगल अपनी कारो को छुपाने के लिए सबसे उपयुक्त लगे क्योकि यह एक पहाड़ी इलाका था और लोगो का यहाँ पर आना जाना बिलकुल भी नहीं था।
अमेरिकी सैनिको का विचार इन्हे यहाँ पर कुछ समय ही छुपाने का था। उनकी योजना अमेरिका पहुंचने के बाद वापस कारे अमेरिका मंगवाने की थी। पर ऐसा हो नहीं पाया और ये कारे यहाँ हमेशा के लिए रह गई।
हालांकि स्थानीय लोग इस कहानी को सही नहीं बताते है। उनके अनुसार यह सारी कारे स्थानीय निवासियों की है। कई दशको से ऐसा चला आ रहा है की जब भी किसी की कार खराब हो जाती है वो अपनी कार इस जंगल में खड़ी कर जाता है। लेकिन इस दलील में कोई दम नज़र नही आता है क्योकि वहा खड़ी सारी कारे तक़रीबन एक ही मॉडल की है ।
ब यह ग्रेवयार्ड केवल फोटो में ही शेष बचा है। क्योंकि दो साल पहले बेल्जियम सरकार ने इन खराब कारो से जंगल के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर को देखते हुए इन कारो को यहां से हटा दिया है।
सबसे आश्चर्य और रहस्य की बात यह है की यहां इतनी सारी कारे कहां से आई इस बारे में कोई कुछ भी नहीं जानता है। वैसे तो इन कारो के बारे में यहां पर कई कहानिया कही जाती है पर जो कहानी सबसे ज्यादा प्रचलित है वो इन करो का सम्बन्ध अमेरिकी सैनिको से जोड़ती है।
कहते है की सेकंड वर्ल्ड वॉर की समाप्ति के बाद जब अमेरिकी सैनिक वापस घर जाने की तैयारी करने लगे तो तो उन्हें महसूस हुआ की वो अपनी कारे अपने साथ नहीं ले जा सकते। तब उन्हें चैटिलोन के जंगल अपनी कारो को छुपाने के लिए सबसे उपयुक्त लगे क्योकि यह एक पहाड़ी इलाका था और लोगो का यहाँ पर आना जाना बिलकुल भी नहीं था।
अमेरिकी सैनिको का विचार इन्हे यहाँ पर कुछ समय ही छुपाने का था। उनकी योजना अमेरिका पहुंचने के बाद वापस कारे अमेरिका मंगवाने की थी। पर ऐसा हो नहीं पाया और ये कारे यहाँ हमेशा के लिए रह गई।
हालांकि स्थानीय लोग इस कहानी को सही नहीं बताते है। उनके अनुसार यह सारी कारे स्थानीय निवासियों की है। कई दशको से ऐसा चला आ रहा है की जब भी किसी की कार खराब हो जाती है वो अपनी कार इस जंगल में खड़ी कर जाता है। लेकिन इस दलील में कोई दम नज़र नही आता है क्योकि वहा खड़ी सारी कारे तक़रीबन एक ही मॉडल की है ।
ब यह ग्रेवयार्ड केवल फोटो में ही शेष बचा है। क्योंकि दो साल पहले बेल्जियम सरकार ने इन खराब कारो से जंगल के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर को देखते हुए इन कारो को यहां से हटा दिया है।
Post Credit – Amusing Planet
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