उत्तराखंड के बारे में

उत्तराखंड में कई धार्मिक स्थानों और पूजन स्थल होने के कारण इस उत्तराखंड को ‘देव भूमि’ या ‘भगवान की भूमि’ भी कहा जाता है। इसे भक्ति और तीर्थयात्रा के लिए सबसे पवित्र और अनुकूल स्थान माना जाता है। 



उत्तर प्रदेश के पश्चिमोत्तर भाग के कई जिलों और हिमालय पर्वत श्रृंखला के एक हिस्से को जोड़कर उत्तराखंड राज्य का गठन किया गया था। यह राज्य हिमालय की तराई और भाभर की प्राकृतिक सुंदरता एवं संपन्नता के लिए मशहूर है। तिब्बत का स्वायत्त क्षेत्र राज्य के उत्तर में स्थित है।

सन् 2007 में इस राज्य का नाम आधिकारिक रुप से उत्तरांचल से बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया था। देहरादून राज्य की राजधानी है और उत्तराखंड का सबसे बड़ा शहर है। उत्तराखंड की हाई कोर्ट नैनीताल में है जो राज्य का एक और महत्वपूर्ण शहर है। हस्तशिल्प और हथकरघा राज्य के दो प्रमुख उद्योग हैं। यह चिपको आंदोलन की उत्पत्ति के लिए भी मशहूर हैं। 

9 नवंबर 2000 में एक अलग औपचारिक राज्य बनने के बाद यह अपने आप में पूर्ण राज्य बन गया। इस प्रदेश का निर्माण देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से अलग राज्य बनाकर किया गया। 

उत्तराखंड का इतिहास


उत्तराखंड का इतिहास इसके गौरवपूर्ण अतीत का गीत गाता है। इसकी उत्पत्ति और विकास का लंबा इतिहास रहा है जिसमें कई महान राजाओं और सम्राज्यों की झलकियां हैं - जैसे कुशान, कुडिना, कनिष्क, समुद्रगुप्त, कटुरिया, पलास, चंद्र और पवार। यदि उत्तराखंड के इतिहास के बारे में बात करें तो कहा जा सकता है कि इसका संदर्भ कई हिंदू पुराणों में मिलता है, लेकिन इसके इतिहास को सबसे अच्छे तरीके से गढ़वाल और कुमाउं के इतिहास के माध्यम से समझा जा सकता है।

उत्तराखंड का भूगोल



राज्य का कुल भूभाग 53,483 वर्ग किलोमीटर का है। राज्य का ज्यादातर क्षेत्र पहाड़ों और जंगलों से घिरा है। उत्तराखंड की विशिष्ट वनस्पतियों और जीव जंतुओं में स्नो लेपर्ड, भरल, बाघ, तेंदुए और असामान्य झाडि़यां और पेड़ शामिल हैं। भारत की दो बड़ी नदियां यमुना और गंगा के उद्गम स्थान राज्य में ही हैं। उत्तराखंड की प्रमुख भौगोलिक विशेषताएं इस प्रकार हैं: 

  • पहाड़ी झाड़ीदार भूमि और मैदान
  • अल्पाइन की झाडि़यां और चराई
  • सामान्य शंकुधारी जंगल
  • पश्चिमी हिमालय के उप अल्पाइन शंकुवृक्ष जंगल
  • पश्चिमी हिमालय के सामान्य पतझड़ी जंगल
  • हिमालय श्रृंखला के सबट्राॅपिकल देवदार जंगल
  • तराई-दुआर की तराई और सवाना
  • अपर गंगा के मैदानों के नम पतझड़ी जंगल

जनसांख्यिकी
उत्तराखंड राज्य भारत के उत्तरी भाग में स्थित है। इसका कुल भूभाग 53,483 वर्ग किलोमीटर का है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तराखंड की आबादी 1,00,86,292 है। पिछली जनगणना के मुकाबले यह वृद्धि दर 19.17 प्रतिशत की थी। यहां पुरुषों और महिलाओं का अनुपात 1000:963 है। उत्तराखंड का जनसंख्या घनत्व 189 प्रति वर्ग किलोमीटर है। राज्य की साक्षरता दर 79.63 प्रतिशत है। राज्य की सीमाएं तिब्बत, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों से जुड़ती हैं। राज्य की राजधानी देहरादून देश की राजधानी दिल्ली से 240 किलोमीटर दूर स्थित है। उत्तराखंड में 13 जिले हैं: पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत, उत्तर काशी, उधम सिंह नगर, चमोली, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और हरिद्वार। 
अर्थव्यवस्था
राज्य की अर्थव्यवस्था हाल ही में कुछ तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। कृषि उत्तराखंड की अर्थव्यस्था का महत्वपूर्ण आधार है । चावल, सोयाबीन, गेंहू, मूंगफली, दालें, मोटे अनाज और तिलहन यहां मुख्य फसलेें हैं। सेब, नाशपाति, संतरा, आडू, प्लम और लीची व्यापक तौर पर उगाए जाते हैं और खाद्य उद्योग का महत्वपूर्ण भाग हैं। राज्य की प्रमुख नगदी फसल गन्ना है। राज्य में पर्यटन का एक बड़ा केंद्र बनने की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन भी इस क्षेत्र में बढ़ रहा है और सालाना आय में योगदान दे रहा है। पर्यटन के क्षेत्र को और बढ़ावा देना चाहिए और राज्य को इसमें निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है। एक और क्षेत्र जिसमें राज्य को और तरक्की करने की जरुरत है वह कृषि उद्योग है जो कि यहां के राजस्व में बढ़ोत्तरी कर सकता है। 
समाज और संस्कृति
उत्तराखंड के समाज को वहां की जीवनशैली, रिवाजों और परंपराओं से समझा जा सकता है। इसका समाज इसके संास्कृतिक पैटर्न का विस्तार है। कुमाउं और गढ़वाल के इलाके के विभिन्न जातीय समूहों का यह विषम मिश्रण है। इस राज्य में रहने वाले ज्यादातर लोग हिंदू और बौद्ध धर्म से हैं। कुछ लोग सिख धर्म से भी हैं जो सन् 1947 में पश्चिमी पंजाब से पलायन कर उत्तराखंड में आकर बस गए थे। यह क्षेत्र नृत्य जीवन और मानव अस्तिव से जुड़ा है जो अनगिनत मानवीय भावनाएं दर्शाता है। संगीत उत्तराखंड की संस्कृति का अभिन्न अंग है। यहां के लोकप्रिय लोक गीतों में बसंती, मंगल, खुदेद और चैपाटी हैं। स्थानीय शिल्प में लकड़ी की नक्काशी प्रमुख है। हिंदू धर्म की सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ यात्रा कुंभ मेला हरिद्वार में होता है। इसे विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक सम्मेलन माना जाता है। राज्य के अन्य महत्वपूर्ण उत्सवों में घी संक्राति, वट सावित्री, खतरुआ, फूल देई, हरेला मेला, नंदा देवी मेला आदि शामिल हैं।
सरकार और राजनीति
उत्तराखंड सरकार सन् 2000 में बने इस नए राज्य की बेहतरी के लिए पूरे दिल से काम कर रही है। इसमें एक बेहद कुशल विधायिका उसे पूरी तरह सहारा देती है और समान रुप से प्रतिबद्ध न्यायपालिका और कार्यपालिका शामिल हैं। सरकार के सभी काम मुख्य तौर पर राज्य की राजधानी और गढ़वाल मंडल के देहरादून से होते हैं। यहां कुल पांच संसदीय क्षेत्र हैं और 70 विधानसभा सीटें हैं। 
भाषा
उत्तराखंड की दो प्रमुख क्षेत्रीय भाषाएं गढ़वाली और कुमाउंनी हैं, लेकिन हिंदी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। गढ़वाल और कुमाउं क्षेत्र में क्रमशः गढ़वाली और कुमाउंनी भाषाएं बोली जाती हैं। पश्चिम और उत्तर में कुछ आदिवासी समुदाय जौनसारी और भोटिया बोलियां बोलते हैं। वहीं दूसरी ओर शहरी आबादी ज्यादातर हिंदी भाषा बोलती है जो कि संस्कृत के साथ साथ उत्तराखंड की आधिकारिक भाषा है।
पर्यटन
उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, चाहे वो प्रकृति, वन्यजीवन, एडवेंचर या तीर्थ स्थल कुछ भी क्यों ना हो। यहां के प्रमुख स्थानों में हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, मसूरी, अल्मोड़ा, केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री, जिम काॅर्बेट नेशनल पार्क नैनीताल, रानीखेत और पिथौरागढ़ है।
 यदि आपको एडवेंचर पसंद है और कुछ कठिन चुनौतियां लेना चाहते हैं तो आप हाई या लो एल्टीट्यूड की ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, पैरा ग्लाइडिंग, हेंग ग्लाइडिंग, पर्वतारोहण, स्कीइंग या दूसरी कई गतिविधियां कर सकते हैं। 
केदारनाथ
केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है। यह समुद्र तल से 11,500 फीट की उंचाई पर मंदाकिनी नदी के पास स्थित है। केदारनाथ भारत में हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। देश के अलग अलग कोने से भक्त हर साल यहां अप्रैल के महीने में भगवान के दर्शन के लिए आते हैं। 

ऋषिकेश
यह उत्तराखंड का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह हिमालय की तलहटी में बसा है। ऋषिकेश कई हिंदुओं के लिए तीर्थ स्थलों का केंद्र है। हिंदू पुराणों के अनुसार यह शहर भगवान शिव के प्रिय स्थानों में से एक है। इसके धार्मिक महत्व के अलावा ऋषिकेश भारत के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक है। 

नैनीताल
नैनीताल उत्तराखंड का सबसे ज्यादा घूमा जाने वाला पर्यटन स्थल है। कुमाउं के पहाड़ों में स्थित नैनीताल अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। यह 1938 मीटर की उंचाई पर स्थित है और इस क्षेत्र में कई अनूठे पर्यटन स्थल मौजूद हैं। 

रानीखेत
सेहत और शांति पसंद करने वाले यात्रियों के लिए रानीखेत किसी स्वर्ग से कम नहीं है। रानीखेत वो शांति प्रदान करता है जो भारत में कहीं और नहीं मिलती। यह साफ और प्रदूषण मुक्त वातावरण के लिए अनूठे हिल स्टेशन के तौर पर मशहूर है। लंबे शंकुधारी पेड़ और शांत माहौल के साथ रानीखेत आपको भागमभाग की दुनिया से कहीं दूर ले जाता है।

जिम काॅर्बेट नेशनल पार्क
पशु प्रेमियों के लिए स्वर्ग माना जाने वाला जिम काॅर्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड की सबसे कीमती संपत्ति है। देश में जानवरों के लिए सबसे अच्छे निवास के तौर पर पहचाना जाने वाला जिम काॅर्बेट नेशनल पार्क हिमालय की तलहटी में स्थित है। यह पार्क 1318.54 वर्ग किलोमीटर के इलाके में फैला है और भारत के समृद्ध ईको सिस्टम का हिस्सा है। अधिक जानकारी...
वन्यजीव अभयारण्य
उत्तराखंड के नेशनल पार्कों की अद्भुत सुंदरता में बढ़ती वन्यजीवों की मौजूदगी यहां की अविश्वसनीय विविधता दर्शाती है। उत्तराखंड वनस्पतियों के मामले में भी पीछे नहीं है। यहां के राष्ट्रीय उद्यान कई प्रकार के पेड़ों, पौधों, झाडि़यों, लकडि़यों और जड़ी बूटियों से भरे हैं। यहां मौजूद इनकी किस्मों से आप चकाचैंध हो जाएंगे। ज्यादातर नेशनल पार्क एक खूबसूरत लैंडस्केप का हिस्सा होते हैं जो स्थानीय सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। इन नेशनल पार्कों का सबसे महत्वपूर्ण और खास तथ्य यह है कि यह वन्य जीवों के संरक्षण केंद्र के रुप में कार्य करते हैं। यहां किसी भी प्रकार की मानवी घुसपैठ या प्रदूषण वर्जित है। 
परिवहन
उत्तराखंड में भारत से कहीं से भी रेल, सड़क या हवाई मार्ग से पहुंचा जा सकता है। देहरादून का जौलीग्रांट हवाई अड्डा इस इलाके का सबसे लोकप्रिय हवाई अड्डा है। देहरादून से कुछ घरेलू एयरलाइंस उड़ानें संचालित करती हैं। भारत के सभी बड़े शहरों और कस्बों से उत्तराखंड उत्कृष्ट रेलवे नेटवर्क साझा करता है। इस राज्य को देश के दूसरे राज्यों से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन देहरादून रेलवे स्टेशन, हरिद्वार रेलवे स्टेशन और काठगोदाम रेलवे स्टेशन हैं। उत्तराखंड राष्ट्रीय राजमार्गों के एक मजबूत नेटवर्क से जुड़ा है जो इसे भारत के अन्य राज्यों से जोड़ता है, जैसे एनएच 58, 73, 74 और 87। राज्य में राज्य सड़क परिवहन निगम बस सेवाएं चलाता और संचालित करता है। 
उत्तराखंड के जिले


क्र.सं.
जिला का नाम
जिला मुख्यालय
जनसंख्या (2011)
विकास दर
लिंग अनुपात
साक्षरता
क्षेत्र (वर्ग किमी)
घनत्व (/ वर्ग किमी)
1
अल्मोड़ा
अल्मोड़ा
622506
-1.28%
1139
80.47
3090
198
2
बागेश्वर
बागेश्वर
259898
4.18%
1090
80.01
2310
116
3
चमोली
गोपेश्वर
391605
5.74%
1019
82.65
7692
49
4
चम्पावत
चम्पावत
259648
15.63%
980
79.83
1781
147
5
देहरादून
देहरादून
1696694
32.33%
902
84.25
3088
550
6
हरिद्वार
हरिद्वार
1890422
30.63%
880
73.43
2360
817
7
नैनीताल
नैनीताल
954605
25.13%
934
83.88
3853
225
8
पौड़ी गढ़वाल
पौड़ी
687271
-1.41%
1103
82.02
5438
129
9
पिथौरागढ़
पिथौरागढ़
483439
4.58%
1020
82.25
7110
69
10
रूद्रप्रयाग
रूद्रप्रयाग
242285
6.53%
1114
81.3
1896
119
11
टिहरी गढ़वाल
नई टिहरी
618931
2.35%
1077
76.36
4085
169
12
ऊधमसिंह नगर
रुद्रपुर
1648902
33.45%
920
73.1
2912
648
13
उत्तरकाशी
उत्तरकाशी
330086
11.89%
958
75.81
7951
41

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

THE UNIVERSE MODELS OF UNIVERSE

Geocentric Model   – The term “geocentric” means “earth–centered”. The geocentric model claimed that Earth was the center of the cosmos....