Famous Personalities of Indian Freedom Movement 8

मोहम्मद इक़बाल 1873-1938
  • मोहम्मद इक़बाल उर्दू एवं फारसी के महान कवि और दार्शनिक थे।
  • उन्होंने नया शिवालातराने हिंद तथा हिमालय नामक देश भक्तिपूर्ण गीतों की रचना की थी।
  • परन्तु उनकी बेहतरीन रचनाएं बाल-ए-जिब्रेल (उर्दू) तथा रामुज-बेखुदी (पारसी) एवं जावेदनामा (पारसी) हैं।
  • उन्होंने नौजवानों को कर्म तथा आत्मविश्वास बनाने की बात पर बल दिया।
  • उनका भी सपना एक इस्लामी राज्य की स्थापना करना था किन्तु वह जिन्ना की सोच से काफी भिन्न था।
राना महेंद्र प्रताप 1886-1964
  • राना महेंद्र प्रताप एक राज परिवार से संबंधित युवक थे तथा देश की आजादी के लिए उन्होंने क्रांतिकारी गतिविधियों का संचालन किया।
  • 1915 में उन्होंने आजाद भारत की अस्थाई सरकार का निर्माण किया।
  • उन्होंने तकनीकी या प्रौद्योगिक शिक्षा का समर्थन किया।
  • उन्होंने वृंदावन में प्रेम विद्यालय की स्थापना की।
  • उन्होंने दो अखबारों प्रेम (हिंदी) तथा निर्मल सेवक (हिंदी-उर्दू) का प्रकाशन भी किया।
गणेश वासुदेव मावलकर 1888-1956
  • गणेश वासुदेव मावलंकर बैरिस्टर का कार्य छोड़ असहयोग आंदोलन में भाग लेकर राष्ट्रीय आंदोलन में सम्मिलित हुए।
  • उन्होंने सविनय अवज्ञा तथा भारत छोड़ो आंदोलनों में भाग लिया तथा गिरफ्तार भी हुए व जेल में रहे।
  • उन्होंने बंबई लेजिस्लेटिव असेम्बली में स्पीकर का पदभार संभाला तथा अहमदाबाद म्यूनिसिपैलिटि के सभापति रहे।
  • गणेश वासुदेव मावलंकर स्वतंत्रता पश्चात् वे लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष नियुक्त हुए।
ई. वी. रामास्वामी नायकर 1879-1973
  • वह पेरियार के नाम से भी प्रसिद्ध हुए। वह एक महान समाज-सुधारक थे, जिन्होंने दलित जातियों के उत्थान के लिए कार्य किया।
  • उन्होंने ब्राह्मणवादी ग्रंथों जैसे- मनु स्मृति को नकार दिया और दलित जातियों के लिए सेल्फ रेसपेक्ट आंदोलन शुरू किया।
  • उन्होंने गांधी जी के सामाजिक समता विचारों से भी विरोध जताया। कुदी अरसू नामक पत्रिका के लेखों द्वारा वह दलित जातियों में समानता तथा सम्मान के लिए जागृति जगाने के लिए लेख भी लिखते रहे।
  • उन्होंने द्रविड़ मुनेत्र कषगम की स्थापना की तथा दक्षिण में हिंदी थोपने का भारी विरोध किया।
पट्टाभि सीतारमैया 1940-1954
  • पट्टाभि सीतारमैया पेशे से एक डाक्टर थे, उन्होंने 1916 में कांग्रेस में शामिल होकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी तथा कांग्रेस कार्यकारिणी समिति के भी सदस्य रहे।
  • वह कांग्रेस के कार्यकारी इतिहासकार भी रहे।
  • कांग्रेस के विचारों को फैलाने के लिए उन्होंने अंग्रेजी पत्रिका, जन्मभूमि का भी संपादन किया।
  • वह 1939 के कांग्रेस अधिवेशन में गांधी जी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार बने परन्तु सुभाष चंद्र बोस से वह हार गए।
  • सन् 1948 में जयपुर अधिवेशन में वह कांग्रेस अध्यक्ष बने। 1952 में वह मध्य प्रदेश के गर्वनर रहे।
रास बिहारी बोस 1886-1945
  • रास बिहारी बोस का जन्म पलबिगती (बंगाल) में हुआ, वह एक क्रांतिकारी थे।
  • उन्होंने दिल्ली, यू.पी. तथा पंजाब में क्रांतिकारी आंदोलन का संचालन किया।
  • दिसम्बर 23, 1912 में दिल्ली के चांदनी चौक में गवर्नर-जनरल लार्ड हार्डिग के काफिले पर उन्होंने बम फेंका तथा उन्होंने और अधिक क्रांतिकारी आंदोलन को संचालन करने की योजना बनाई जो (प्रथम लाहौर षड़यंत्र केस के नाम से जाना गया) परन्तु उनकी योजना विफल रही तथा गिरफ्तारी से बचने के लिए सन् 1915 में वह जापान पलायन कर गये तथा वह एक भगोड़े के रूप में रहने लगे।
  • जापान में भी उन्होंने अपनी क्रांतिकारी गतिविधियां जारी रखीं। उन्होंने वहां इंडियन इंडिपेंडेंस लीग (पहले बैंकाक) की स्थापना की।
  • रास बिहारी बोस ने कैप्टन मोहन सिंह को युद्धबंदियों की सेना आजाद हिंद फौज का गठन करने में सहायता प्रदान की तथा सन् 1943 में सिंगापुर में उन्होंने, इंडियन इंडिपेंडेंस लीग, की कमान भारतीय नेता सुभाष चंद्र बोस को सौंप दी।
गोपाल कृष्ण गोखले 1866-1915
  • उनका जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुआ। महात्मा गांधी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे
  • गोपाल कृष्ण गोखले की संस्था दक्कन सभा (1896) का उद्देश्य अकाल के दौरान मदद करना, प्लेग महामारी में सहायता करना, भूमि-सुधार कार्य तथा ग्रामीण स्वशासन की स्थापना करना था।
  • उन्होंने वेल्बी आयोग के सामने भारत में ब्रिटिश प्रशासन की आर्थिक तथा प्रशासनिक हालत की बुरी व्यवस्था पर गवाही दी थी।
  • भूमि बेदखली कानून पर उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी बैंक बनाने का सुझाव दिया तथा बेदखली की जमीन के एवज में बैंकों पर निर्भर होने का भी प्रस्ताव दिया।
  • वह कांग्रेस के बनारस अधिवेशन (1905) के अध्यक्ष बने। उसी दौरान स्वराज्य का प्रस्ताव भी पारित किया गया था।
  • उन्होंने सरवेंट ऑफ इंडिया सोसाईटी की स्थापना 1907 में की, जिसका उद्देश्य राष्ट्र की सेवा करना था।
  • वह भारत में प्रारंभिक शिक्षा के हिमायती थे इसके लिए उन्होंने लेजिस्लेटिव कौंसिल में प्रस्ताव भी पेश किया था। उन्होंने दि क्वार्टरली जनरल का भी संपादन किया।
लोकमान्य तिलक 1886-1920
  • इनका जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में हुआ। वह कांग्रेस की उग्रपंथी विचारधारा के नेता थे और प्रसिद्ध त्रिमूर्ति लाल-बाल-पाल के सदस्य थे।
  • सामाजिक तौर पर वह पुरानी विचारधारा को मानते थे। परन्तु राजनीतिक तौर पर वह अपने सभी सहयोगियों से काफी आगे थे।
  • उनका प्रमुख नारा था स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है मैं इसे लेकर रहूंगा
  • महाराष्ट्र में लोगों को राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने के लिए उन्होंने शिवाजी तथा गणपति उत्सवों का अयोजन किया।
  • अप्रैल, 1916 में उन्होंने होम रूल लीग की स्थापना की, जिसका प्रभाव मध्य प्रांत, बरार तथा महाराष्ट्र में काफी अधिक रहा।
  • तिलक पश्चिमी शिक्षा, व्यक्तिगत स्वतंत्रता, राजनैतिक स्वतंत्रता तथा प्रेस की स्वतंत्रता को सर्वोपरि मानते थे वह कांग्रेस का दुबारा से पुनर्निर्माण करना चाहते थे। उन्होंने मराठा (अंग्रेजी) केसरी (मराठी) पत्रिकाओं का सपांदन भी किया।
  • इसके अलावा गीता रहस्य नामक पुस्तक उनकी श्रेष्ठ कृति है, जिसमें उन्होंने गीता के ऊपर एक बहुत अच्छी व्याख्या लिखी है।
पी. आनंद चारलू 1843-1908
  • पी. आनंद चारलू पहले दक्षिण भारतीय थे, जिन्होंने राजनीतिक संस्था बनाई, वह 1884 की मद्रास महाजन सभा के निर्माता थे, जिसका मुख्य उद्देश्य था राजनीतिक जागृति कायम करना।
  • वह कांग्रेस के शुरुआती वर्षों के एक सदस्य थे तथा 1895 में इसके अध्यक्ष भी रहे।
  • 1903-5 से वह मद्रास लेजिस्लेटिव कौंसिल के सदस्य भी रहे।
देव प्रसाद गुप्ता
  • देव प्रसाद गुप्ता बंगाल के प्रमुख क्रांतिकारी थे।
  • उन्होंने चटगांव सशस्त्र विद्रोह में 18 अप्रैल 1923 में सूर्य सेन के साथ मिलकर भाग लिया।
  • इसके लिए उन्होंने 17 क्रांतिकारियों के संगठन को तैयार किया था।
  • ये गिरफ्तारी से बचने के लिए वह जलालाबाद की पहाड़ियों में जा छिपे थे।जयप्रकाश नारायण 1902-99
    • इनका जन्म पटना के निकट सीताबयीरा में हुआ। उन्हें लोकनायक के नाम से ख्याति प्राप्त हुई।
    • वह मार्क्सवादी विचारधारा से प्रेरित थे तथा श्रमिकों दबे-कुचले वर्गों के लिए उन्होंने जीवन पर्यन्त कार्य किया।
    • जयप्रकाश नारायण जमींदारी प्रथा के उन्मूलन तथा भारी उद्योगों के राष्ट्रीयकरण के पक्षधर थे।
    • जवाहरलाल नेहरु के प्रभाव के कारण उन्होंने कांग्रेस में सम्मिलित होने का निर्णय लिया। उन्हें कांग्रेस के श्रमिक प्रभाग का कार्य उन्हें सौंपा गया।
    • कांग्रेस की समाजवादी विचारधारा को प्रभाव में लाने के लिए उन्होंने आचार्य नेरन्द्र देव के सहयोग से कांग्रेस समाजवादी पार्टी की स्थापना की (1934)।
    • 1942 के आन्दोलन के दौरान उन्होंने गुप्त संस्था, आजाद दस्ता, का निर्माण कर भूमिगत आंदोलन चलाया।
    • आजादी के बाद उन्होंने विनोभा भावे के, भूदान आंदोलन, में भाग लिया तथा 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगायी गई आपातकाल के विरुद्ध जन-आन्दोलन चलाया तथा गिरफ्तारी दी।
    • उनकी प्रसिद्धि के कारण जनता पार्टी को 1977 के चुनावों में विजय प्राप्त हुई।
    मदन मोहन मालवीय 1861-1946
    • वह पेशे से एक वकील थे तथा उनका संबंध कांग्रेस तथा हिंदू महासभा से भी रहा। उन्होंने इलाहाबाद में यू.पी. औद्योगिक संघ की स्थापना की तथा बाद में भारतीय औद्योगिक संस्था बनाने में सहयोग दिया।
    • वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापकों में से एक थे तथा बाद में इसके उप-कुलपति रहे।
    • उन्होंने नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना भी की तथा इंडियन यूनियनहिंदुस्तान, अभियानदया जैसे अखबारों का सपांदन भी किया।
    हकीम अजमल खान 1868-1927
    • वह विश्व प्रसिद्ध यूनानी चिकित्सक थे। चिकित्सा-विज्ञान के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के कारण उन्हें हफीज उल मुल्क (1908) तथा कैसर-ए-हिंद (1915) सम्मानों से नवाजा गया।
    • वे उर्दू तथा फारसी भाषाओं में कविता, शैदा के उपनाम से करते थे।
    • उन्होंने मासिक पत्रिका, मुजाला-ए-तिब्बिया का भी प्रकाशन व संपादन किया।
    • उन्होंने 20वीं शती के शुरुआती वर्षों में राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लिया तथा कांग्रेस व मुस्लिम लीग की राजनीति में सक्रिय रहे तथा हिंदु-मुस्लिम एकता के लिए संघर्षरत रहे।
    • महात्मा गांधी ने एक बार कहा था कि हिंदु-मुस्लिम एकता तो उनकी सांसों में बसी हुई है।
    • उन्होंने दिल्ली में रोलेट सत्याग्रह तथा खिलाफ़त-असहयोग आंदोलन का नेतृत्व किया, इसी दौरान उन्होंने अली बंधुओं के साथ मिलकरअलीगढ़ में जामिया मिलिया की स्थापना की तथा जिसे बाद में दिल्ली लाया गया। उन्होंने दिल्ली में तिब्बिया विश्वविद्यालय भी स्थापित किया।
    कैलाश नाथकाटजू 1887-1969
    • कैलाश नाथकाटजू एक वकील थे तथा उन्होंने मेरठ षड़यंत्र केस के अभियुक्तों की पैरवी भी की थी (1933)।
    • यूनाइटेड प्रोविन्स के मंत्रालय में वह कांग्रेस के उद्योग, विकास, तथा न्याय मंत्री भी रहे।
    • उनका चयन संविधान-सभा के सदस्य के रूप में हुआ। वह केंद्रीय मत्रिमंडल में गृह मंत्री भी रहे तथा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने।
    लियाकत अली खान 1895-1951
    • लियाकत अली खान मुस्लिम लीग के महत्वपूर्ण नेता थे।
    • उन्होंने सन् 1944 में कांग्रेस के साथ समझौता वार्ता की थी। जो देसाई-लियाकत समझौता के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
    • 1946 में बनी अंतरिम सरकार में वह वित्त मंत्री थे उन्होंने अपने कार्यों से पटेल तथा नेहरू को काफी परेशान कर दिया था।
    • उसी कारण कांग्रेस के सदस्यों ने विभाजन करने का मन बनाया था।
    • विभाजन के बाद वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने तथा 1951 में रावलपिंडी में उनकी हत्या कर दी गई।
    रानी गेंदालुई 1815-81
    • रानी गेंदालुई नागा जनजाति से संबधित थीं तथा मणिपुर राज्य के नागा नेता जधोनाग की शिष्या थी।
    • जधोनाग ने मणिपुर को ब्रिटिश दासता से मुक्त करवाने के लिए राजनीतिक आन्दोलन चलाया। उन्हें मृत्यु दंड मिला था।
    • इसके पश्चात् रानी गेदांलुई ने आंदोलन का नेतृत्व किया परंतु 1932 में ब्रिटिश सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया तथा उनकी मुक्ति 1947 में स्वतंत्रता मिलने पर ही हुई।
    • जवाहरलाल नेहरु ने स्वर्ण अक्षरों में उनके योगदान का उल्लेख करते हुए उन्हें ‘नागाओं की रानी' के नाम से सुशोभित किया।
    महादेव देसाई
    • इन्होंने 25 वर्षों तक गांधी जी के सचिव के रूप में कार्य किया।
    • उन्होंने चंपारन से लेकर भारत छोड़ो आंदोलन तक के सभी गांधीवादी आंदोलन में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने इंडिपेंडेंट तथा नवजीवन का संपादन किया।
    • वह 1942 की गिरफ्तारी के दौरान पूना में गांधी जी के साथ जेल रहते हुए मृत्यु को प्राप्त हुए।
    नारायण मल्हार जोशी 1975-1955
    • नारायण मल्हार जोशी जन्म महाराष्ट्र के कोलाबा में हुआ, उन्होंने सरवेन्टस ऑफ इंडिया सोसायाटी में कार्य किया।
    • 1912 में उन्होंने सोशल सर्विस लीग की स्थापना की।
    • वह श्रमिकों के उत्थान के लिए कार्य करते रहे। 1921 में उन्होंने ऑल इंडिया ट्रेड कांग्रेस में भाग लिया परन्तु 1931 में उन्होंने अलग नाम में ऑल इंडिया ट्रेड फेडरेशन बनाई।
    • वह अन्तराष्ट्रीय श्रम सगंठन की गवर्निग बॉडी के सदस्य बने तथा भारत सरकार पर श्रमिक कल्याण के लिए कानून बनाने पर दबाब डाला।
    • उन्होंने अनेकों औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की तथा कोपरोअटिव सोसाइटी की स्थापना की।
    कल्पना दत्त 1913-78
    • इन्होंने सूर्यसेन के साथ मिलकर प्रसिद्ध चटगांव शस्त्रागर हमले की योजना में भाग लिया था।
    • उन्हें भारत निर्वासन की सजा मिली। बाद में उन्होंने, कम्यूनिस्ट पार्टी की सदस्यता ग्रहण की तथा श्रमिक वर्ग के उत्थान के लिए कार्य किया।
    फिरोज शाह मेहता 1911-1932
    • फिरोज शाह मेहता जन्म चटगांव बंगाल में हुआ।
    • ये प्रसिद्ध क्रांतिकारी सूर्यसेन की सहयोगी बनी।
    • उन्होंने अनेक क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया, जिसमें सबसे प्रमुख था- 24 सितम्बर, 1932 में चटगांव में यूरोपीय क्लब पर हमला था।
    • गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने आत्महत्या कर ली।

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