Famous Personalities of Indian Freedom Movement 3

भीकाजी कामा
  • एक क्रांतिकारी महिला थीं, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए यूरोपीय देशों में प्रचार किया।
  • उन्होंने भारत के लिए झंडे का डिजाइन तैयार किया जिसमें लाल, हरे तथा केसरी रंग की पट्टियों के साथ चांद-सितारा भी था और इस पर वंदे मातरम् भी अंकित था।
  • इस झंडे को 1907 में जर्मनी-स्टूटगार्ट में समाजवादियों की कांफ्रेस में फहराया गया।
  • उन्होंने श्यामजी कृष्ण वर्मा तथा वी.डी. सावरकर के साथ मिलकर कार्य किया एवं भारतीय नवयुवकों को लंदन में संगठित करने के लिए फ्री इंडिया सोसाइटी बनाई उन्होंने वंदे मातरम अखबार का भी संपादन किया।
मदन लाल धींगरा
  • वह एक क्रांतिकारी थे तथा लंदन में कार्यरत थे।
  • इस दौरान वह श्याम जी कृष्ण वर्मा तथा वी.डी. सावरकर जैसे क्रांतिकारियों के संर्पक में आए इसके अतिरिक्त यह अभिनव भारतहोमरूल सोसयाटी तथा इंडिया हाउस के सदस्य भी बने रहे।
  • उन्होंने सैक्रेटरी ऑफ स्टेट के सलाहकार सर विलियम कर्जन वाइली की गोली मार कर हत्या कर दी थी।
  • इसके लिए उन्हें 17 अगस्त, 1909 को लंदन में मृत्यु दंड दिया गया।
हसरत मोहानी
  • वह एक राष्ट्रवादी तथा रोमानी विद्या के अच्छे कवि थे।
  • उन्होंने ही ‘इन्कलाब जिंदाबाद (Inquilab Zindabad)  का नारा दिया था
  • वे पहले ऐसे राष्ट्रवादी नेता थे, जिन्होंने कांग्रेस के मंच पर पूर्ण स्वराजय का मुद्दा उठाया तथा कांग्रेस को सलाह दी थी कि उसे ही अपना लक्ष्य बनाये।
  • उनकी इस मांग के प्रस्ताव को कांग्रेस ने ठुकरा दिया था उनका रुझान समाजवाद की ओर भी हुआ।
  • हसरत मोहानी अपनी रुमानी गज़लों और गीतों के लिए काफी प्रसिद्ध हुये। ग़जल चुपके-चुपके रात-दिन आसू बहाना याद है उन्ही की लिखी हुई है।
भूलाभाई देसाई 1877-1946
  • भूलाभाई देसाई का जन्म सूरत में हुआ तथा शिक्षा कलकत्ता में।
  • उन्होंने बंबई के एडवोकेट जनरल के रूप में कार्य किया।
  • भूलाभाई देसाई ने एनी बेसंट के होमरूल आंदोलन में भाग लिया तथा ब्रूमफील्ड समिति के सामने बारदोली किसानों का प्रतिनिधित्व किया।
  • वह केंद्रीय असेम्बली में कांग्रेस के प्रतिनिधि रहे (लगभग 9 वर्ष) तथा बंबई के कांग्रेस अध्यक्ष तथा वर्षों तक कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य भी रहे।
  • अंतिरम सरकार में लीग के प्रतिनिधि उप-प्रधान लियाकत अली खान के साथ उन्होंने वार्ता की तथा लियाकत-देसाई समझौता किया। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू तथा आसफ अली के साथ मिलकर आजाद हिंद फौज के कैदियों का मुकदमा भी लड़ा।
अरुणा आसफ़ अली 1909-96
  • अरुणा आसफ़ अली, कालका में जन्मीं थीं तथा उन्होंने आसफ अली से विवाह किया।
  • उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया तथा व्यक्तिगत सत्याग्रह (1940) में भी हिस्सा लिया।
  • 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वह दिल्ली क्षेत्र की प्रमुख नेत्री के रूप में उभरकर सामने आयीं स्वतंत्रता के पश्चात् वह दिल्ली की महापौर/मेयर (1958) बनीं।
  • उन्हें लेनिन सम्मान तथा भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।
इंदुलाल याज्ञनिक 1852-1872
  • इंदुलाल याज्ञनिक समाज सेवक, पत्रकार तथा स्वतंत्रता सेनानी थे।
  • उन्होंने गुजरात में होम रूल आंदोलन तथा खेड़ा सत्याग्रह में भाग लिया।
  • उनका संबद्ध मुख्य रूप से किसानों तथा आदिम-जनजातियों के कल्याण से रहा। उन्होंने जनजातियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए अनेक स्कूल खोले तथा उन्हें अखिल हिंदू किसान सभाका अध्यक्ष भी चुना गया (1942)।
  • वह गुजरात विद्यार्थी सभा के संस्थापक सदस्यों में से थे तथा स्वतंत्रता पश्चात् उन्होंने महा गुजरात जनता परिषद् की भी स्थापना की।
  • उन्होंने गुजराती मासिक नवजीवन अने सत्या तथा दैनिक नूतन गुजरात का संपादन कार्य भी किया।
कोंजीवरम नटराजन अन्नादुराई 1909-69
  • कोंजीवरम नटराजन अन्नादुराई तमिलनाडू के सामाजिक कार्यकर्ता तथा राजनीतिज्ञ थे।
  • उन्होंने विधुतलाई, कुंदी अरसू तथा द्रविडानादू जैसी पुस्तकों का संपादन भी किया।
  • वह जस्टिस पार्टी के सदस्य बने तथा श्रमिक वर्ग को संगठित करने व उनके अधिकारों की रक्षा हेतु आंदोलन भी चलाया। वह द्रविड़ मुनेत्रा काषगम (दलित उत्थान संघ) के संस्थापक थे।
  • इस संस्था ने तमिलनाडु में सामाजिक तथा राजनीतिक कार्य किया। वह लोकसभा के सदस्य भी बने तथा 1967-69 तक वह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी रहे।
मौलाना मोह्हमद अली जौहर 1878-1931
  • मौलाना मोह्हमद अली जौहर का जन्म मुरादाबाद (यू.पी.) में हुआ। वह खिलाफत आंदोलन के प्रणेता थे।
  • असहयोग आंदोलन के दौरान उन्होंने गांधी जी के साथ पूरे भारत का भ्रमण किया।
  • उन्होंने मुस्लिम लीग तथा कांग्रेस सम्मेलनों की अध्यक्षता की 1923, काकीनाडा।
  • उन्होंने कामरेड (अंग्रेजी) तथा हमदर्द (उर्दू) का संपादन कार्य भी किया।
  • उन्हें ब्रिटिश सरकार ने युद्ध विरोध के भय के कारण शौकत अली के साथ छिंदवाड़ा (मध्य प्रांत) में नजरबंद रखा।
  • वह आधुनिक विचारों वाले, धर्मनिरपेक्ष, राष्ट्रवादी मौलाना थे (धार्मिक गुरु) तथा जामिया मिलिया की स्थापना में प्रमुख सहयोगी थे।
डेविड हेयर 1775-1842
  • डेविड हेयर स्काट्लैंड के घड़ीसाज थे तथा कलकत्ता में आकर रहने लगे।
  • उन्होंने अनेकों स्कूलों व कॉलेजों की स्थापना में सहयोग किया तथा प्रसिद्ध हिंदू कॉलेज (1817) व कलकत्ता मेडिकल कॉलेज की स्थापना में भी अग्रणी भूमिका निभाई।
  • उन्होंने उदारवादी तथा प्रतिक्रियावादी विचारों का प्रसार करने के लिए अंग्रेजी व बंगाली पुस्तकों का प्रकाशन आरंभ किया तथा स्कूल बुक सोसाइटी नामक संस्था में छापाखाना तथा प्रकाशन विभाग भी खोला।
  • वह राजा राम मोहन राय के समाज-सुधार कार्यक्रम से भी जुड़े रहे तथा हेनरी विलियन डिराजियो के यंग बंगाल के प्रतिक्रियावादी, सुधारवादी आंदोलन से भी संबद्ध रहे।
अलूरी सीताराम राजू 1847-1924
  • ये आदिवासी क्षेत्र में रहने वाले गैर-आदिवासी थे।
  • उन्होंने रम्पा नामक आंध्र प्रदेश की एक जाति के साथ मिलकर ब्रिटिश अत्याचार के विरुद्ध आदिवासियों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी। वह एक ज्योतिषी तथा चिकित्सक भी थे।
  • अलूरी सीताराम राजू जनजातियों में गांधीवादी सिद्धांतों का प्रचार करने के लिए पंचायत में कार्य किया तथा शराबबंदी के विरुद्ध आंदोलन चलाया।
  • अंत में उन्होंने सरकार विरोधी छापामार युद्ध का संचालन किया। इस युद्ध को कुचल दिया गया तथा उन्हें गोली मार दी गई (1924) ।

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